इस डब्बे मे बैठा निकल नही पा रहा
बन गयी है रोज़ की यह कहानी
अंधेरा क्यूँ है इतना
नज़र नही आरहा
समझ लो यही है मेरी कहानी
अब तो कुछ करना होगा
पागल हो रहा हूँ में
कुछ नया सोचना होगा
निकलूंगा कैसे यहाँ से
अब तो दिल जोड़ना होगा
प्यार फिर से करना होगा
मेरा यह दिल टूटे गा
लेकिन क्या करूँ
शायद
ज़रूरत है मुझे
प्यार की
शायद
ज़रूरत है किसी
और की
शायद
हो ओ
ज़रूरत है मुझे
प्यार की
शायद
हो ओ
ज़रूरत है किसी
और की
दूर से आए हसी
नज़दीक आने लगी
क्या यही है वो जो मुझे
बचाए गी
डब्बा उस ने खोला
दिल है मेरा बोला
थोड़ी सी ज़िंदगी में
रौनाक़ आई
अब तो कुछ करना होगा
पागल हो रहा हूँ में
ये दिल घबराए मेरा
दूर ना भाग जाए यह मुझ से
इतना हसीन है चेहरा
वो ज़ुल्फ़ें और वो पलके
मेरा यह दिल टूटे गा
लेकिन क्या करूँ
शायद
ज़रूरत है मुझे
प्यार की
शायद
ज़रूरत है किसी
और की
शायद
हो ओ
ज़रूरत है मुझे
प्यार की
शायद हो ओ
ज़रूरत है किसी
और की
ऊओहू
ज़रूरत है
ऊओहू
मुझे प्यार की
ऊओहू
ज़रूरत है
ऊओहू
किसी और की
ऊओहू
ज़रूरत है
ऊओहू
मुझे प्यार की
ऊओहू
ज़रूरत है
ऊओहू
किसी और की