नींद क्यूँ ना आए
क्यूँ ये तर्पाए
हम टूटे जायें
खोफ़नाक यह साए
जो रातों पेर रोज़ हैं छाईए
दर्द हम पे लाए
कैसे भुलायें
वो पल जो आज भी रोलते
रोयें हम, सारा दिन, सारी रात
क्यूँ पूरा वक़्त है दर्द इतना पास
तन्हा रहें हम ना करें कभी बात
तन्हा बेते हम सकूँ की है सिर्फ़ तलाश
रोयें हम, सारा दिन, सारी रात
चाहते प्यार, लायकिन ना टीके कोई यहाँ साथ
टूटे वादे करदें हम को हलाक
टूटे सपनों से ही गिरती है लाश
अफ कैसा है यह सितम
जीने का अब तो सीन है ख़तम
जीने का अब तो सीन है ख़तम
जीने से अब तो दिल में जलन
यॅ अफ, कैसा है यह सितम
मरने के लिए जागी है लगान
रातों ने किया तन्हा यह बदन
ग़लत रासतों पेर लिए हूंने कदम
नींद क्यूँ ना आए
क्यूँ ये तर्पाए
हम टूटे जायें
खोफ़नाक यह साए
जो रातों पेर रोज़ हैं छाईए
दर्द हम पे लाए
कैसे भुलायें
वो पल जो आज भी रोलते
सोयें कम, पछले यह पाँच साल
जागें हर रोज़ हम टिल सारे चार
ज़िंदगी पेर आया है नया कोई आज़ाब
लूटे यह रोज़ क्यूँ मान का क़रार हन
सोयें कम, पछले यह 5 साल
ज़िंदगी का तो आज बुरा हाल
ना से सकों आज यह इंतेहाँ
ना मरसकों यह है क़द्र का सवाल
अफ कैसा है यह सितम
जीने का अब तो सीन है ख़तम
जीने का अब तो सीन है ख़तम
जीने से अब तो दिल में जलन
यॅ अफ, कैसा है यह सितम
मरने के लिए जागी है लगान
रातों ने किया तन्हा यह बदन
ग़लत रासतों पेर लिए हूंने कदम
नींद क्यूँ ना आए
क्यूँ ये तर्पाए
हम टूटे जायें
खोफ़नाक यह साए
जो रातों पेर रोज़ हैं छाईए
दर्द हम पे लाए
कैसे भुलायें
वो पल जो आज भी रोलते