Back to Top

Woh Sham Kuchh Ajeeb Thi Video (MV)




Performed By: Tejinder Singh Bedi
Featuring: Simmi Mondal
Length: 4:45
Written by: GULZAR, HEMANT KUMAR




Tejinder Singh Bedi - Woh Sham Kuchh Ajeeb Thi Lyrics
Official




[ Featuring Simmi Mondal ]

वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है (वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है)
वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है (वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है)
वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है (वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है)
वो शाम कुछ अजीब थी (वो शाम कुछ अजीब थी)

झुकी हुई निगाह में कहीं मेरा ख़याल था
दबी-दबी हँसी में इक हसीन सा गुलाल था
मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वो
मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वो
न जाने क्यों लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो
वो शाम कुछ अजीब थी

मेरा ख़याल है अभी झुकी हुई निगाह में (मेरा ख़याल है अभी झुकी हुई निगाह में)
खूली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में (खूली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में)
मैं जानता हूँ मेरा नाम गुनगुना रही है वो (मैं जानती हूँ मेरा नाम गुनगुना रहा है वो)
मैं जानता हूँ मेरा नाम गुनगुना रही है वो (मैं जानती हूँ मेरा नाम गुनगुना रहा है वो)
यही ख़याल है मुझे, के साथ आ रही है वो (यही ख़याल है मुझे, के साथ आ रहा है वो)
वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है (वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है)
वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है (वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है)
वो शाम कुछ अजीब थी (वो शाम कुछ अजीब थी)
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है (वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है)
वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है (वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है)
वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है (वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है)
वो शाम कुछ अजीब थी (वो शाम कुछ अजीब थी)

झुकी हुई निगाह में कहीं मेरा ख़याल था
दबी-दबी हँसी में इक हसीन सा गुलाल था
मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वो
मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वो
न जाने क्यों लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो
वो शाम कुछ अजीब थी

मेरा ख़याल है अभी झुकी हुई निगाह में (मेरा ख़याल है अभी झुकी हुई निगाह में)
खूली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में (खूली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में)
मैं जानता हूँ मेरा नाम गुनगुना रही है वो (मैं जानती हूँ मेरा नाम गुनगुना रहा है वो)
मैं जानता हूँ मेरा नाम गुनगुना रही है वो (मैं जानती हूँ मेरा नाम गुनगुना रहा है वो)
यही ख़याल है मुझे, के साथ आ रही है वो (यही ख़याल है मुझे, के साथ आ रहा है वो)
वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है (वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है)
वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है (वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है)
वो शाम कुछ अजीब थी (वो शाम कुछ अजीब थी)
[ Correct these Lyrics ]
Writer: GULZAR, HEMANT KUMAR
Copyright: Lyrics © Royalty Network


Tags:
No tags yet