सपने रे सपने रे
कैसे है सपने रे
उनको मैं ढूँढ़लूँ इस जहां में
सपने रे सपने रे
है मेरे अपने रे
उनको मैं ढूँढ़ती इस जहां में
सपने रे सपने रे कैसे रंग बुनते रे
बिखरे बिखरे फिर रहे आस्मां में
मेरी बात यह मानी न
फिरते है यह आवारा मैं खुश्बू सी
यह पंखो से मैं खुश्बू सी
यह पंखो से
सपने रे सपने रे
कागज़ी टुकड़े रे
कैसे रखूं दिल के आशियाँ में
सपने रे सपने रे जूनून से यह चढ़े
टेढ़े मेढ़े रास्ते इस जहां में
सपने रे सपने रे कैसे है सपने रे
उनको मैं ढूँढ़लूँ इस जहां में
उनको मैं ढूँढ़लूँ इस जहां में